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Thursday, January 2, 2020

आफत पर्यावरण की

आफत पर्यावरण की 

 सनातनपुत्र देवीदास विपुल "खोजी"


 विपुल सेन उर्फ विपुल लखनवी,
(एम . टेक. केमिकल इंजीनियर) वैज्ञानिक एवं कवि
पूर्व सम्पादक : विज्ञान त्रैमासिक हिन्दी जर्नल “वैज्ञनिक” ISSN 2456-4818
मो.  09969680093
  - मेल: vipkavi@gmail.com  वेब:  vipkavi.info वेब चैनलvipkavi
ब्लाग: freedhyan.blogspot.com,  फेस बुक:   vipul luckhnavi “bulle

 

 

उलीच ली नदियां। खोद लिए पहाड़।।

आत्मा को मारकर। सजा लिया हाड़।।

काट दिए  पेड़। ऊँन हेतु भेड़।।

पानी की चोरी । तोड़ डाली मेड़।।

पक्की सड़क । बड़ा सा मकान।।

प्यासी धरती । सूखे खलिहान।।

मरते है कुएं। ऊंची दुकान।।

हाथी को मारा। हाथी दांत पाया।

फिर बस उसी से। हाथी बनाया।।

बच्चों का खिलौना। उन्हें समझाया।।

कैसा यह खेल। विपुल समझ न आया।।

लालच की चाह। पात्र है खाली।।

अंडे का लालच। मुर्गी काट डाली।।

यही है उत्थान। नया है विज्ञान।।

हम तो है पुराने। नया युग महान।।

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