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Wednesday, January 15, 2020

अच्छे दिन आएंगे

अच्छे दिन आएंगे

अच्छे दिन आएंगे मन थोड़ी धीर धरो
खुशियों लहराएंगे मन थोड़ी धीर धरो।।
अब तक चमन को नोचा घसीटा तब क्यों चुप बैठे थे ।
सारे परिंदे नोच के मारे तब क्यों चुप बैठे थे ।।
आज अचानक कैसे जागे क्या सपनों में खलल अभागे।
सबको समझायेंगे मन थोड़ी धीर धरो।।

🙏🙏 विपुल लखनवी।

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