मूर्खों का सरदार मोबाइल चलावत है
जो सोवत है सो खोवत है,
जो जागत है, वो पावत है।।
जो मूर्खों का सरदार बने
वह मोबाइल चलावत है|
राधे राधे कहे नकली गुरु।
शिष्यों को कैसे पटावत है।
जो दो नंबर के चोर हुए।
वह नेता रिश्वत खावत है।।
जो बास की चमचागिरी करें।
वह जल्दी प्रमोशन पावत है।।
घर का चौका बर्तन सब्जी।
ला कर वह मक्खन लगावत है।।
जिनको पेड़ों पर होना था।
वह पप्पू ही बन जावत है।।
जो शक्तिशाली होता है।
वह जेल में मौज मनावत है।।
जो देश को बेच मौज किए।
सत्ता में शोहरत पावत है।।
चाहे जितनी कोशिश कर लो।
हर बार बेल हो जावत है।।
श्रोता गण अपना सर पीटे।
कविता वह ढेरों बनावत है।।
है ढाई अक्षर का नाम प्रभु।
विपुल लखनवी कहावत है।।
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