वसंत पंचमी पर विशेष: माता शारदे
वसंत पंचमी पर विशेष
माता शारदे
दास विपुल
माता शारदे जग कल्याणी। रूद्र रूप धर कर रूद्राणी॥
वाग्देवी मां ज्ञान प्रदाता। सत्य शक्ति बन जग निरवाणी॥
रूप मनोहर मात शारदे। सहज बुद्धि दे शांति शारदे॥
पापी न पावे छवि तुम्हारी। शुद्ध सकल हो जन्म ब्रह्माणी॥
तुम सर्व जीव सृष्टि की कर्ता। ब्रह्म शक्ति बनो ब्रह्मा नियंता॥
सद्गुरू बुद्धि में निवास तू। शिवतत्व रूप प्रकट मुद्राणी॥
वाणी जग की वीणा निर्मित। हंस वाहन हो सोहं परिणित॥
पाप बुद्धि को तुम हर लेती। इन्द्र की शक्ति बनो इंद्राणी॥
दास विपुल मूरख खलकामी। लेश कृपा मिल बन कवि ज्ञानी॥
अश्रुपूरित दृग जल पग धोऊं।मुक्ति मिले कब जग निरमाणी॥
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