रामलला अब घरै बिराजे
रामलला अब घरै बिराजे
विपुल लखनवी
भूल गयो पीड़ा सब अपनी।
जो सुप्रीम का निर्णय आओ।।
रामलला अब घरै बिराजे।
भक्तन हर्षित जग हर्षायो।।
है गंगोई महाबली हो तुम।
देश की तुमने लाज बचाओ।।
ऐ इस आईं नाम तिहारो।
दे सबूत संग ताज बचाओ।।
सारे सबूत इकठ्ठे होकर।
रामलला का स्थल बचाओ।।
कलम विपुल विपुल बोलेगी।
जय श्री राम सम्मान जो पाओ।।
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