मीरा कहो या राधा मतलब तो एक है।
मीरा कहो या राधा मतलब तो एक है।
विपुल लखनवी। नवी मुंबई।
मीरा कहो या राधा मतलब तो एक है।
कर लो प्रभु की भक्ति सारे जग में एक है॥
मीरा हरि दीवानी हरि को उसने पाया।
राधा के केवल गिरधर दृष्टि तो एक है॥
मीरा हुई आनन्दित हरि की मधुर वंशी से।
राधा ने छीनी वंशी प्रेम भक्ति एक है॥
मीरा ने राज छोड़ा राधा बेसुध दीवानी।
भक्ति के रस में डूबी रस दोनों एक है॥
दोनों में जो अंतर न दुनिया देख पाये। ।
राधा हरि की शक्ति मीरा गोपी रूप है॥
हरि नाम का भजन ही मादक मधुर निराला।
भक्ति किसी की कर लो मादकता एक है॥
शिवोम् तीर्थ गुरुवर अंतर प्रकट है गिरधर।
नित्य बोधानन्द प्रभु जग की वह टेक है॥
नाम जप का अमृत सद्गुरु कृपा से पीन्हा।
पीकर विपुल मतवाला दिखे ब्रह्म एक है॥
No comments:
Post a Comment