Thursday, January 2, 2020

रामलला अब घरै बिराजे


रामलला अब घरै बिराजे

विपुल लखनवी


मां जग्दम्बे के नव रूप, दश विद्या, पूजन, स्तुति, भजन सहित पूर्ण साहित्य व अन्य

भूल गयो पीड़ा सब अपनी।

जो सुप्रीम का निर्णय आओ।।

रामलला अब घरै बिराजे।

भक्तन हर्षित जग हर्षायो।।

 

है गंगोई महाबली हो तुम।

देश की तुमने लाज बचाओ।।

ऐ इस आईं नाम तिहारो।

दे सबूत संग ताज बचाओ।।

 

सारे सबूत इकठ्ठे होकर।

रामलला का स्थल बचाओ।।

कलम विपुल विपुल बोलेगी।

जय श्री राम सम्मान जो पाओ।।


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