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Thursday, January 2, 2020

श्री विष्णु तीर्थ हैं श्री विष्णु तीर्थम्॥

श्री विष्णु तीर्थ हैं श्री विष्णु तीर्थम्॥

हिंदी काव्य रूपांतरण : विपुल लखनवी

 

मां जग्दम्बे के नव रूप, दश विद्या, पूजन, स्तुति, भजन सहित पूर्ण साहित्य व अन्य

रे मन तू मेरे ये क्यों न समझते। 
एक ही तीर्थ है श्री विष्णु तीर्थम्॥  
भज मन सदा तू श्री विष्णु तीर्थम्।
श्री विष्णु तीर्थ है श्री विष्णु तीर्थम्॥

 
मुक्ति के दाता, भुक्ति प्रदाता।
आध्यत्म मार्ग सहज बनाता॥
सदा साथ तेरे श्री विष्णु तीर्थम्।
श्री विष्णु तीर्थ है श्री विष्णु तीर्थम्॥

 
कलि के कलुष को पाप मलिच्छ को।
त्रै ताप जग के मन के कलुष को॥ 
सदा है मिटाता श्री विष्णु तीर्थम्।
श्री विष्णु तीर्थ है श्री विष्णु तीर्थम्॥


 
श्री विष्णु गंगाधर पूज्य धारा।
श्री विष्णु नारायण तीर्थ प्यारा॥  

पुरूषोत्तम शंकर श्री विष्णु तीर्थम्।
श्री विष्णु तीर्थ है श्री विष्णु तीर्थम्॥

 
गंगा के तट पर यमुना के तट पर।
गोदावरी सिंधु नदियों के तट पर॥
कल कल ध्वनि बोले श्री विष्णु तीर्थम्॥
श्री विष्णु तीर्थ है श्री विष्णु तीर्थम्॥


केदार बद्री या मथुरा अयोध्या। 

काशी या कैलाश पापो को धोया॥
सभी रूप शिव के श्री विष्णु तीर्थम्।
श्री विष्णु तीर्थ है श्री विष्णु तीर्थम्॥
 

गंधर्व यक्ष या सुर सिद्ध द्वारे।
ग्रह लोक पूजो या पूजो पिता रे॥
सभी पूज्य पूजन श्री विष्णु तीर्थम्।
श्री विष्णु तीर्थ है श्री विष्णु तीर्थम्॥
 

पावन ये सूरज ये चांद ये तारे।
ये भंवरे ये पक्षी खगवृंद सारे॥
सुनो ये ही गाते श्री विष्णु तीर्थम्।
श्री विष्णु तीर्थ है श्री विष्णु तीर्थम्॥

शिवओम् तीर्थ सद्गुरू राजे।
श्री विष्णु तीर्थ मन में विराजे॥
वे दोनों एक हैं श्री विष्णु तीर्थम्।
श्री विष्णु तीर्थ है श्री विष्णु तीर्थम्॥
 

दास विपुल न शिव को ही ध्याया।
मूरख बना जग विष्णु न पाया॥
अब तो सम्भल भज श्री विष्णु तीर्थम्।
श्री विष्णु तीर्थ है श्री विष्णु तीर्थम्॥

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