अच्छे दिन आएंगे
अच्छे दिन आएंगे मन थोड़ी धीर धरोखुशियों लहराएंगे मन थोड़ी धीर धरो।।
अब तक चमन को नोचा घसीटा तब क्यों चुप बैठे थे ।
सारे परिंदे नोच के मारे तब क्यों चुप बैठे थे ।।
आज अचानक कैसे जागे क्या सपनों में खलल अभागे।
सबको समझायेंगे मन थोड़ी धीर धरो।।
🙏🙏 विपुल लखनवी।
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