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Friday, February 14, 2020

मैया तू जग की आधार

मैया तू जग की आधार 

दास विपुल 

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🙇मां तुम्हारे चरणों में समर्पित यह जीवन 🙇

मैया तू जग की आधार नहीं कुछ जग का है।
मैया तू जग लीलाधार नहीं कुछ जग का है॥
तुम जग की पालनकर्ता हो सब कुछ तुझ से जन्मा।
आदि रूप शक्ति मां तू ही जग की तू विश्वकर्मा॥ 
मैया सब तेरा व्यवहार नहीं कुछ जग का है।
मैया तू जग की आधार नहीं कुछ जग का है॥ 



एक इशारा कर दे मां तू सृष्टि ही हिल जाए।
उथल पुथल सारे जग में महाप्रलय आ जाए।
दया दृष्टि डालें जिस पर वो राजा बनता है।
मूरख युवक युवराज बने कालीदास सजता है॥
शक्ति विराजे मूलाधार नहीं कुछ जग का है।
मैया तू जग की आधार नहीं कुछ जग का है॥ 



बरसे कृपा दृष्टि मां तेरी तब सृष्टि चल पाए।
मूक होए वाचाल पंगु परवत लांघ जाये॥
सुरासुर मुनि शीश झुका खड़े हैं तेरे द्वारे।
सुन भक्तों की माता दौड़े प्रेम सहित पुकारे॥ 
मैया नीच विपुल सम तार नहीं कुछ जग का है।
मैया तू जग की आधार नहीं कुछ जग का है॥ 



तू मुक्ति को देती माता भुक्ति भी तू देती।
सारे दुख हर कर माता सुख से घर भर देती॥
दास विपुल अधम है पापी द्वारे तेरे आया।
भर कर मन पाप हजारों तुझको शीश नवाया॥
मैया दे आशीष हजार नहीं कुछ जग का है।
मैया तू जग की आधार नहीं कुछ जग का है॥

🙇मां तुम्हारे चरणों में समर्पित यह जीवन 🙇



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