एक पद : राम नाम सुखदाई साधु
एक पद : राम नाम सुखदाई साधु
विपुल लखनवी
राम नाम सुखदाई रे साधु।
रामनाम इक सत्य भया जग, शेष जगत दुखदाई।
कहत सदा से सुरमुनि जग में, राम नाम अधिकाई॥
साधु रामदास अस धारा, बांकुर शिवा बनाई।
राम नाम को जपते तुलसी, रामचरित जग गाई।।
राम नाम ही जपत कबीरा, महायोगी बन जाई।
राम नाम की महिमा गाकर, गुरु नानक गुरुआई।।
कितने पापी तर के जाएं, राम नाम को गाकर।
विठ्ठल विठ्ठल तुका जपे जब, हरि के दरशन पाई।।
राम कहो चाहे कृष्ण कहो, राम नाम जप जाई।
नाम किसी भी देव का ले लो, राम नाम भरपाई।।
देवीदास विपुल ही पापी, राम विमुख जगजाई।
हैं हनुमत सदा ही सहायक, महिमा राम जताई।।
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