हिंदुओं को यक्ष सीख: किस तरह से शोक मनाएं?
विपुल लखनवी
आओ मिलकर अभ्यास करें, हम किस तरह से शोक मनाएं।आओ मिलकर अभ्यास करें, हम किस तरह से रोएं गाएं॥
कभी कहीं मार काट मचे, हम किस तरह से जान बचाएं।
घर में घुस जब हमला होय, हम किस तरह से बच रह पाएं॥
बचपन से है ये ही पढाया , सत्य अहिंसा का मार्ग सबल।
नहीं सताओ उसे कभी भी, जो होता है तुम से निर्बल॥
किन्तु अब तो यही समझना, सबल हमें बनना ही होगा।
बहुत देर हुई जगते जगते, समय रहते तो जग जाएं॥
आओ मिलकर अभ्यास करें, हम किस तरह से शोक मनाएं॥
हर गली सड़क गद्दार हैं बैठे, संभल कर चलना होगा।
इतिहास से नहीं सीखे कुछ, फिर से उसे गढ़ना होगा॥
जब तक खुदी पर न हो हमला, भाषण देना आदत अपनी।
भाषणबाजी बंद करो अब, सत्य स्वीकार कैसे कर पाएं॥
आओ मिलकर अभ्यास करें, हम किस तरह से शोक मनाएं॥
मरे पड़ोसी हमको क्या है, ओढ़ के सोना आदत है।
हम पालेंगे भाई चारा, चारा बन जाएं आदत है॥
पाकिस्तान में कितने खुश हम, जनसंख्या हिन्दू भरपूर है।
समय लगेगा पूरा मिटने में, पूरे हम कैसे मिट जाएं॥
आओ मिलकर अभ्यास करें, हम किस तरह से शोक मनाएं॥
बंगलादेश में देखो कैसे, हिन्दू दिवाली मनाते हैं।
उसी राह भारत को चलाना, बार-बार दोहराते हैं॥
जो सोते से जगाने आते, उनको हम कुत्ता समझे।
जो हम को समझाने आते, उनको अपने घर से भगाएं॥
आओ मिलकर अभ्यास करें, हम किस तरह से शोक मनाएं॥
लड़ने का अभ्यास आपस में, दलित हिन्दू बनकर ले लें।
जब तक पूरे नष्ट न होगें, शपथ मरने की हम ले लें॥
कितना सुंदर दृश्य दिखेगा, जब देश सीरिया हो जाए।
लाल नदी चारों ओर बहेगी, तब ही खुश हो पाएं॥
आओ मिलकर अभ्यास करें, हम किस तरह से शोक मनाएं॥
तब ही तरक्की देश करेगा, परचम अपना लहराएगा।
प्यारा तिरंगा अतीत बनेगा, भगवा नजर नहीं आएगा॥
करें प्रयास दलित हिन्दू यह, हम कभी एक न हो पाएं।
तब ही तरक्की देश करेगा, परचम अपना लहराएगा॥
प्यारा तिरंगा अतीत बनेगा, भगवा नजर नहीं आएगा॥
करें प्रयास दलित हिन्दू यह, हम कभी एक न हो पाएं।
तब तक विपुल मुफ्त की बिजली, पानी संग मौज मनाएं॥
आओ मिलकर अभ्यास करें, हम किस तरह से शोक मनाएं।
तब तक विपुल मुफ्त की बिजली, पानी संग मौज मनाएं॥
आओ मिलकर अभ्यास करें, हम किस तरह से शोक मनाएं॥
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