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Sunday, March 1, 2020

शिवाजी अमर हैं।

शिवाजी अमर हैं।  

 सनातनपुत्र देवीदास विपुल "खोजी"


 विपुल सेन उर्फ विपुल लखनवी,
 सम्पादक : विज्ञान त्रैमासिक हिन्दी जर्नल “वैज्ञनिक” ISSN 2456-4818
vipkavi.info वेब चैनलvipkavi
ब्लाग: freedhyan.blogspot.com,  फेस बुक:   vipul luckhnavi “bullet

 

शिवाजी अमर हैं।
दिलों में बसर हैं।। 
दुष्टों की कबर हैं।
हिंदुत्व की खबर हैं।।


काम में जबर हैं।
शूर में गबर हैं।।
धूर्त की घबर हैं।
ईमान में सबर हैं।।


युद्ध में पुरोधा हैं।
विपुल का घरौदा हैं।।
भगवा के साथ हैं।
गरीबों के हाथ हैं।।


न कोई इतिहास हैं।
कलम निवास हैं।।
अनेकों नमन हैं।
देश का चमन हैं॥ 


हे वीर शिवा जी।
कब आगमन है॥
तुमको है आना।
जगा कर जाना।। 


तुम्हें हम पुकारें।
खडें तेरे द्वारें॥
देश को बचाना।
हे वीर नायक।
जल्दी ही आना॥ 

 
जय जय शिवा जी महाराज।

🚩🚩🚩🚩🚩

3 comments:

  1. बहुत बहुत धन्यवाद उत्साहवर्धन हेतु। कृपया टिप्पणी करते रहें साथ ही औरों को शेयर करें। धन्यवाद

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