Sunday, March 1, 2020

खून बहाने से अच्छा है दूध बहाया जाए

पोस्ट पर मेरा जवाब।

खून बहाने से अच्छा है दूध बहाया जाए

विपुल लखनवी। नवी मुंबई।


खून बहाने से अच्छा है दूध बहाया जाए। 

बू फैलाने से अच्छा है फूल चढ़ाया जाए।। 

 

सड़क पर चिल्लाने से अच्छा मंदिर जाया जाए।

काले टीके से अच्छा इक तिलक लगाया जाए।।

 

घर को जलाने से अच्छा इक दीप जलाया जाए।

पशुओं को खाने से अच्छा मीठा खाया जाए।।

 

घृणा फैलाने से अच्छा भजन ही गाया जाए।

गुजरों पर रोने से अच्छा प्रभु को रोया जाए।।

 

कितनी सुंदर बातें हैं मूरख न देखा करते।

माथापच्ची से अच्छा शिव शंकर गाया जाए।।


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