Thursday, January 2, 2020

ॐ श्री गणेश स्तोत्र: हिंदी काव्यात्मक

ॐ श्री गणेश स्तोत्र: हिंदी काव्यात्मक

सनातनपुत्र देवीदास विपुल "खोजी"

 विपुल सेन उर्फ विपुल लखनवी,
(एम . टेक. केमिकल इंजीनियर) वैज्ञानिक एवं कवि
पूर्व सम्पादक : विज्ञान त्रैमासिक हिन्दी जर्नल “वैज्ञनिक” ISSN 2456-4818
मो.  09969680093
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नारद उवाच:

पार्वतीनन्दन देवदेवता,  श्री गणेश नमस्कार।

करूं प्रणाम तुम्हे शीश नवाऊं विनती बारम्बार॥

आयु की कामना अर्थ की सिद्धि भक्त स्मरण करे।

जय जय गणपति गणेश जी विघ्न सभी पल दूर करे॥


प्रथम वक्रतुण्ड नाम तुम्हारा एकदंत दूजा।

कृष्णपिंगाक्ष, गजवक्त्र चतुर्थ लम्बोदर पूजा॥

छठा विकट विघ्नराजेंद्र सप्तम ध्रूमवर्ण आंठवा।

भालचंद्र, विनायक, गणपति गजानन बारहवां॥  


इन नामों का पाठ करे जो त्रिसंध्या निशदिन।

हे प्रभु उसे कभी कष्ट न होवे दूर करो दुर्दिन॥

विद्याभिलाषी विद्या दे दो धनाभिलाषी धन।

पुत्र की इच्छा पुत्र मिले मोक्ष मुमुक्षु मन॥


जो जन गणपति स्तोत्र जपे छह माह पूरित मना।

एक वर्ष जपे सिद्धि मिलती नहीं संदेह तना॥

जो जन लिखकर अष्ट ब्राह्मण इसको अरिपित करे।

मिले कृपा गणपति गणेश की विद्या सभी वो वरे॥


नारद मुख जो हस्त लिखित वाणी श्री गणेश।

इति गणेश स्तोत्र पूरित संकटनाशन गणेश॥

दास विपुल स्तोत्र काव्य में गाया अब तो कृपा करो।

हे गणेश रिद्धि सिद्धि के दाता भक्तन दया करो॥

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